अश्वगंधा एक वरदान सेहत के लिए



अश्वगंधा का अर्थ ‘घोड़े की गंध’ है, जो इसकी जड़ों की विशिष्ट गंध को दर्शाता है. अश्वगंधा मुख्य रूप से को दिमाग के लिए बेहतर बताया जाता है. इसके अलावा तनावग्रस्त लोगों को भी अश्वगंधा का सेवन करने की सलाह दी जाती है. 

अश्वगंधा के फायदे 




 

 कई तरह के परीक्षणों में यह पाया गया है कि अश्वगंधा शरीर के रक्त में शुगर की मात्रा को कम करता है।

दरअसल इसका इस्तेमाल खून में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ावा देता है जिससे डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में शुगर की समस्या से आराम मिलता है।

एक शोध में जब 6 डायबिटीज पीड़ित लोगों को अश्वगंधा का सेवन करवाया गया तो यह पाया गया कि बिना किसी अन्य दवाइयों के सेवन से सिर्फ अश्वगंधा का सेवन करने से अन्य दवाइयों जितना ही असर पड़ता है। (डायबिटीज की जानकारी)

इसका मतलब यह है कि डायबिटीज पर महंगी दवाइयों का जितना असर होता है उतना ही असर मात्र अश्वगंधा का सेवन करने से होता है।

अश्वगंधा तनाव के स्तर को कम करता है।  अश्वगंधा शरीर में ‘कोर्टिसोल’ की मात्रा को कम करता है, जिससे तनाव आदि में मदद मिलती है।

तकरीबन 60 लोगों पर किये एक शोध में यह पाया गया है कि जिन लोगों ने प्रतिदिन 60 मिलीग्राम अश्वगंधा का सेवन किया उनमें अवसाद की शिकायतों में 79% तक गिरावट आई थी। वहीं इसका प्रयोग न करने वालों में 10% तक वृद्धि आई थी।

अश्वगंधा कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करता है

अश्वगंधा मस्तिष्क और याददाश्त को तेज़ बनता है, प्रतिदिन 500 मिलीग्राम अश्वगंधा का सेवन करने वालों में उनके दिमाग की स्थिरता और प्रदर्शन में महत्त्वपूर्ण सुधार आया।

अश्वगंधा मांसपेशियों की क्षमता को बढ़ाता है, अश्वगंधा शरीर की शक्ति और मांसपेशियों की क्षमता बढाता है। 

यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन बढाकर प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। 

अश्वगंधा से इम्युनिटी बढ़ जाती है

हार्ट अटैक – National Center for Biotechnology Information (NCBI) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है की अश्वगंधा के नियमित खुराक लेने से हार्ट अटैक होने की संभावना बेहद कम हो जाती है। World Journal of Medical Science की एक रिसर्च में भी यह बात सामने आ चुकी है कि अश्वगंधा के सेवन से खून में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड कम होता है जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है जिसके कारण हार्ट अटैक होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

 कैंसर – NCBI के द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात साबित हो चुकी है कि अश्वगंधा के सेवन से शरीर में reactive oxygen species पैदा होती है जो शरीर में कैंसर सेल्स को पैदा होते ही नष्ट कर देता है। कीमो थेरेपी के दौरान अश्वगंधा के सेवन से कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट में भी कमी आती है हालांकि जो व्यक्ति अश्वगंधा का नियमित सेवन करता है वह कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से भी बचा रहता है।

थाइरोइड – स्त्रियों में थायराइड की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती है। थाइरोइड ग्लैंड एक प्रकार की ग्रंथि है जो गले में पाई जाती है। यह शरीर में ऊर्जा को कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदार होती है। जब थायराइड ग्रंथि अनियमित हो जाती है तो शरीर का वजन तेज़ी से घटने या तेजी से बढ़ने लग जाता है इसी को थायराइड की बीमारी कहते हैं। यदि आप थायराइड से ग्रस्त है तो आप रोज अश्वगंधा खाना शुरू करें कुछ ही महीनों में आपके थायराइड की समस्या पूरी तरह से कंट्रोल में आ जाएगी और यदि आप एक स्त्री हैं और अगर आप चाहती हैं कि आपको थायराइड ना हो तो अश्वगंधा खाना शुरू करें आपको कभी भी थाइरोइड की प्रॉब्लम नहीं होगी।

मसल स्ट्रेंथ – जो लोग जिम जाते हैं उनमें से कई लोग जल्दी परिणाम हासिल करने के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं पर स्टेरॉयड का इस्तेमाल करने से उनके शरीर को साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। अश्वगंधा एक ऐसा तत्व है जो प्राकृतिक रूप से आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन को पैदा करवाता है और जो फायदे आपको एक स्टेरॉयड के लेने से होते हैं वह सारे फायदे आपको अश्वगंधा लेने से होते हैं पर इसका कोई साइड इफेक्ट आपके शरीर को नहीं होता। अश्वगंधा के सेवन से आपकी मसल्स स्ट्रैंथ बढ़ती है और बॉडी दोगुनी तेज़ी से ग्रो करने लगती है।

अनिद्रा – आज के समय में काम की चिंता, डिप्रेशन एवं खराब जीवनशैली की वजह से अनिद्रा की समस्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है। जिन लोगों को कम नींद आती है उनका शरीर सही से रिकवर नहीं हो पाता जिसके कारण नींद लेने के बाद भी शरीर थका थका महसूस करता है ऐसे में अश्वगंधा का सेवन करने से अनिद्रा की समस्या धीरे-धीरे ठीक होने लगती है।

मज़बूत हड्डियाँ – मजबूत हड्डियां एक जवान शरीर की पहचान होती है। जब आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन सही से होता है। कैल्शियम और फास्फोरस की कमी नहीं होती तो आपकी हड्डियां मजबूत रहती है पर जिस प्रकार की जीवन शैली आज के समय में हो चली है ज्यादातर लोग दिन भर बैठे रहते हैं और दिन भर अनहेल्थी खाना खाते हैं। इस कारण उनकी हड्डियां भी कमजोर होती चली जाती है, ऐसे में अश्वगंधा का सेवन करने से आपकी हड्डियां फिर से मजबूत हो जाती है और आसानी से नहीं टूटती। साथ ही लंबे समय तक अश्वगंधा का सेवन करने से आपकी हड्डियों की डेंसिटी भी बढ़ती है और हड्डियां चौड़ी होने लगती है।

मेमोरी पावर – अश्वगंधा के सेवन से हमें नींद बहुत ही अच्छे तरीके से आती है और हमारे खून में कॉर्टिसोल की मात्रा भी कम होती है जिसे कारण हम काफी रिलैक्स महसूस करते हैं। अच्छी नींद लेने से हमारा दिमाग रिपेयर हो पाता है और जितने भी न्यूरॉन वेस्ट पैदा होते है वह अच्छे तरीके से बाहर निकल जाते हैं जिसके कारण दिमाग की क्षमता बढ़ जाती है और मेमोरी पावर बढ़ भी बढ़ने लगती है इसलिए जिन लोगों को भूलने की समस्या है और है अश्वगंधा जरूर लेना चाहिए।


अर्थराइटिस – 2014 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में यह बात सामने आई थी कि अर्थराइटिस जैसी बीमारी जिसमें लोगों का चलना फिरना काफी मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी में भी अश्वगंधा काफी लाभकारी होता है दरअसल अश्वगंधा में एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं जो अर्थराइटिस से जुड़े लक्षणों को और दर्द को कम करने में मदद करता है। जिन लोगों को पुरानी से पुरानी अर्थराइटिस की समस्या है उन्हें अश्वगंधा आज से ही लेनी शुरू कर देनी चाहिए।

त्वचा के लिए अश्वगंधा का उपयोग

त्वचा में अश्वगंधा का उपयोग करने के लिए आप 10 ग्राम अश्वगंधा लें उसमें 2 चम्मच गुलाब जल मिलाएं और 1 चम्मच नीबू का रस मिलाएं। अब इसका पेस्ट बनाकर अपनी त्वचा पर इसे लगाएं 20 मिनट तक इसे छोड़ दें और फिर ठंडे पानी से धो लें। आप सप्ताह में ऐसा कम से कम 2 से 3 बार करें आपको ऊपर बताए गए सारे लाभ मिलेंगे।

एन्टी एजिंग – अश्वगंधा में एंटी ऑक्सीडेंट और विटामिन-C की प्रचुर मात्रा होती है जो शरीर को अंदर से जवान बनाए रखने में मदद करता है। अश्वगंधा एक प्रकार का एंटी एजिंग तत्व माना जा सकता है। अगर आप अश्वगंधा का सेवन नियमित रूप से करते हैं और लगातार करते हैं तो आपकी जितनी उम्र होगी आप उससे 10 साल कम उम्र के ही नजर आएंगे।

रिंकल्स – जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है खासकर के 50 वर्ष के बाद त्वचा में रिंकल्स आना शुरू हो जाते हैं। रिंकल्स यह दर्शाते हैं कि आपका शरीर बूढ़ा हो रहा है इसमें त्वचा की लोच और कसावट कम होने लगती है। ऐसे में यदि अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जाए तो त्वचा के रिंकल्स कम होने लग जाते हैं और त्वचा में कसावट भी आने लगती है।

अश्वगंधा की खुराक

अश्वगंधा का सेवन हमेशा सुबह खाली पेट में करना चाहिए। सुबह आपका पेट खाली होता है।

5 ग्राम से अधिक अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए। 

 

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